शीलं शौर्यमनालस्यं पाण्डित्यं मित्रसङ्ग्रहः। अचोरहरणीयानि पञ्चैतान्यक्षयो निधिः ।।
स्वभाव, वीरता, कार्य में सक्रियता, बुद्धिमानी, मित्रों का संगठन - ये पाँचों मनुष्य के जीवन से कभी खत्म नहीं होते, इन्हें चोर भी नहीं चुरा सकता, ये मनुष्य का अक्षय धन है ।
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